Thursday, July 21, 2016

चन्दु की भारतीय इतिहास यात्रा भाग 7 Chandu journey of Indian history part 7

चन्दु की भारतीय इतिहास यात्रा भाग 6 से आगे । इस कहानी को भाग एक से पढने के लिये निम्न लिंक पर क्लीक करेंः- 

चन्दू इतिहास यात्रा भाग एकअगले दिन प्रातः जब चन्दू सोकर उठा तब चाय पीते-2 उसके मन में कल स्कूल में हूयी घटनाओं के विचार चल रहे थें तब अचानक उसके मन में ऋगवैदिक काल की यात्रा करने का विचार आया ताकि कल जो उसका चिंकी के साथ विचार विमर्श हुआ था उसके बारे में ओर ज्यादा जानकारी हो सके । 


 चन्दू ने अपनी टाईम मशीन में ऋगवैदिक सभ्यता का काल 1500 ई. पू. से 1000 ई. पू. फीड कर दिया तथा आखें बन्द करके वैदिक काल में जाने की प्रतिक्षा करने लगा ।
 जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुयी तब चन्दू ने आखें खोल कर टाईम मशीन के स्क्रीन पर देखा तो वहा एरर मैसेज फलैश हो रहा था कि ‘‘ आप 1500 ई. पू. से 1000 ई. पू. एक साथ 500 वर्ष का समय पहीं भर सकते कोई एक वर्ष भरें ।’’ 
 तब चन्दू ने 1200 ई. पू. भरा तथा पलक झपकते ही अपने आप को एक विशाल उफनती हुयी नदी के किनारे पाया चन्दू ने मन में सोचा ‘‘ शायद यही सरस्वती नदी होगी ।’’ पास ही एक पर्वत शिखर था जिसका नाम मूजवन्त संस्कृत में लिखा था चन्दू को याद आया कि इतिहास में पढाया गया था कि ऋगवेद में हिमालय ओर उसकी चोटी मूजवन्त का उल्लेख मिलता है
 अचानक सामने से एक विशाल लश्कर आता दिखायी दिया तो चन्दू ने अदृश्य होने का बटन दबा दिया तथा लश्कर में शामिल हो गया । समूह के लोग संस्कृत में बात कर रहे थे तथा सौभाग्य से चन्दू की संस्कृत काफी मजबूत थी फिर भी उनकी संस्कृत भाषा वर्तमान में चन्दू के पाठयक्रम में पढाये  जाने वाली संस्कृत से काफी क्लीष्ट प्रतित हो रही थी । 
 यह लश्कर किसी ‘‘विशपती’’ का था चन्दू को याद आया कि वैदिक काल में कई गावों का समूह विश कहलाता था तथा इसका मुखियाॅ ‘‘विशपती’’ होता था । ये विशपती किसी अनु नामक कबीले से सबंधित थे जो जनपति से मिलने जा रहे थे । 
 चन्दू को इतिहास की मैडम श्रीमती लोपामुद्रा अययर की बातें याद रही थी कि विशों का का समूह जन होता था तथा जन का अधिपती जनपति होता था । 
चन्दू लश्कर के साथ जनपति के दरबार में पहुच गया जहा बहुत से विशपति थे तथा राजा ( जनपति ) को गोप्ता जनस्य तथा पुराभेता आदि नामों से सबोंधित कर रहे थे । चन्दू ने राजदरबार में सभा, समिति, विदथ तथा गण जैसी कबीलाई परिषदें देखी जिनमें महिलाए भी उच्च पदों पर आसीन थी । 
 चन्दू घूमता-2 सैनिक विभाग में पहुच गया वहा उसने शर्ध, व्रात और गण आदि सेना की ईकाईया देखी तथा काफी समय व्यतित हो जाने व भुख लगने से उसने टाईम मशीन में वापस जाने का बटन दबा दिया । 
 शेष अगले भाग में जो 20 दिन -30 दिन में प्रकाशित होगा तब तक श्रखंला आपको कैसी लगी कमेटं में अवश्य दर्ज करें ।

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